परिचय
Hello Bloggers welcome alltechnology blog. In this blog you will learn“मार्स-ऑर्बिटर-मिशन” .
मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM), जिसे आमतौर पर मंगलयान -1 के रूप में जाना जाता है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 5 नवंबर, 2013 को शुरू की गई एक अंतरिक्ष जांच है। यह भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है और मंगल ग्रह पर भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है। MOM का मुख्य उद्देश्य मंगल की कक्षा से स्थलाकृति, वातावरण, आकारिकी और खनिज विज्ञान का अध्ययन करने के लिए पांच वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करना है। MOM ने अपनी कक्षा में सफलतापूर्वक छह साल पूरे किए हैं, और यह भारत को मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बना दिया है 123.
चंद्रयान-3: जो 2023 में लौंच किया गया था जिसका मुख्य उदेश्ये च्नाद्र्मा की स्तेह की मानचित्रण करना और सुरक्षित लैंडिंग और रोविंग की क्षमता को दिखाना था .
आदित्य-एल1: भारत का पहला और अवलोकन अभियान जिसका उदेश्ये सूर्य को कोरोना और कोर्मोसिफ्यर की अध्यन करना है. इसके आलावा इसरो ने अन्य भी सफल मिशनो को पूर्ण किया है. जैसे की Aryabhata, INSAT श्रृंग, GSAT श्रृंग, और अन्य भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने अद्वितीय और सफल मिशनों के माध्यम से विश्व में अपनी पहचान बनाई है।
आदित्य – एल 1. यह भारत का पहला सोरमंडलिए अवलोकन अभियान है, जिसका उदेस्ये सूर्य को कोरोना और कोर्मोसिफ्यर की अध्ययन करना है.
शुक्रायान – यह विनस की अध्यान करने के लिए योजित है.
मंगलयान-2 – जिसका उदेश्ये मंगल ग्रेह की कक्षा में और अधिक गहराहियो तक जानकरी प्राप्त करना है.
मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) का अन्य मिशनों के साथ तुलना करने पर यह अद्वितीय है। यह भारत का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है और मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश बनाया। इसके उपकरण विज्ञानिक अनुसंधान के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और यह वायुमंडलीय गैसों, खनिज, वातावरण, आकारिकी और स्थलाकृति की जांच करने में मदद करते हैं। MOM के सफलतापूर्ण मिशन ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कराया है।
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